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वाकई, कुंभ और मरकज़ की तुलना नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि एक भूल थी जबकि दूसरी जानबूझकर की गई ग़लती! | न्यूज़क्लिक

Original Content Publisher  newsclick.in -  3 yrs ago

बीजेपी के नेता कहते हैं कि कुंभ और मरकज़ की तुलना न की जाए, जोकि सही भी है क्योंकि मरकज़ में लोग बिना जानकारी के अचानक हुए लॉकडाउन में फंस गए थे और उस समय देश में महामारी को लेकर कोई गाइडलाइन भी नहीं थी, लेकिन अगर अभी हम देखें तो पिछले एक साल से देश में कोरोना महामारी को लेकर एक सख़्त गाइडलाइन है, इसके बाद भी इस तरह के आयोजन हो रहा है!

देशभर में एकबार फिर महामारी अपने चरम तरफ बढ़ रही है। लेकिन हमारी सरकार पूरी से भक्ति में लीन दिख रही है। जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी में अनायास भीड़ से बच रही है, ऐसे में हमारी सरकार कुंभ जैसा धार्मिक आयोजन करा रही है। जहाँ लाखो-लाख की संख्या में लोग बिना किसी सुरक्षा के एक साथ स्नान करते हैं। लेकिन उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत कहते है कि गंगा मां की कृपा से यहां कोरोना नहीं फैलेगा। और इसी तरह का बयान देश की सत्ता पर काबिज़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अन्य प्रवक्ता भी देते हैं। लेकिन जब उनसे सवाल किया जाता है कि जब कुछ सौ या हज़ार के करीब मुसलमान आस्था के तहत एक अन्य धार्मिक आयोजन मरकज़ में शामिल होने आए थे और वो फंस गए थे तब उनपर किस तरह के आरोप लगे थे जैसे पूरे देश में कोरोना उनकी वजह से ही फैल रहा है। उन्हें तो आपने कोरोना बम तक कह दिया था! इस पर सत्ताधारी बीजेपी के नेता कहते है दोनों की तुलना नहीं होनी चाहिए। जोकि सही भी है क्योंकि मरकज़ में लोग बिना जानकारी के अचानक हुए लॉकडाउन में फंस गए थे और उस समय देश में महामारी को लेकर कोई गाइडलाइन भी नहीं थी लेकिन अगर अभी हम देखें तो पिछले एक साल से देश में कोरोना महामारी को लेकर एक सख़्त गाइडलाइन है इसके बाद भी इस तरह के आयोजन हो रहा है। क्या यह एक जानबूझकर की गई गलती नहीं हैइसे कोरोना कुंभ क्यों न कहा जाएऐसे कई सवाल हैं, जिनके जवाब सत्ताधारी बहुत बेतुके अंदाज़ में और पूरे विश्वास के साथ देते है।




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